आज Kayakalp Global ब्लॉग में आपको विटिलिगो से बचने के तरीके के बारे में बताया गया है। बीमारी को ठीक करने के लिए पूरी दुनिया प्राकृतिक उपचारों की ओर लौट रही है। दुनिया भर में प्राकृतिक उपचारों के कम से कम दुष्प्रभाव हैं। सोरायसिस को नियंत्रित करना कई लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। यह स्वास्थ्य समस्या आपके आत्मविश्वास को भी गिरा सकती है। यह सबसे अधिक कोहनी, घुटनों और खोपड़ी पर दिखाई देता है, लेकिन कभी-कभी यह आपके पैरों, धड़ और नाखूनों सहित अन्य भागों पर भी प्रभाव डाल सकता है। घर पर सोरायसिस से निपटने के लिए सोरायसिस में केला खाना चाहिए या नहीं।
सोरायसिस के इलाज के लिए केले के छिलके का उपयोग:
1. केले के छिलकों का पेस्ट:
केले के छिलकों को धोकर अच्छे से सुखा लें।
छिलकों को छोटे टुकड़ों में काट लें और मिक्सर ग्राइंडर में पीस लें।
इस पेस्ट को सोरायसिस के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
2. प्रयोग:
सोरायसिस के प्रभावित क्षेत्र पर केले के छिलके का पेस्ट लगाने से सूजन और खुजली में कमी हो सकती है।
यह पेस्ट स्किन को मोइस्चराइज़ करके त्वचा को सुप्तता प्रदान कर सकता है, जिससे त्वचा में आराम मिल सकता है।
यदि सोरायसिस क्षेत्र सूखा हो तो, इस पेस्ट में थोड़ा सा शहद भी मिला सकता है, जो त्वचा को और भी नरमी प्रदान कर सकता है।
3. सावधानियां:
पहले तो छिलकों का परीक्षण करें क्योंकि कुछ लोगों को छिलकों से एलर्जी हो सकती है।
पेस्ट लगाने के बाद, त्वचा को सुबह धो लें और एक अच्छी मॉइस्चराइज़र लगाएं।
यदि त्वचा पर खुजली या चिमकीला बन जाए, तो तुरंत इसे धोना चाहिए।
केले के छिलकों का उपयोग एक प्राकृतिक तरीके से सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। लेकिन इसे शुरू करने से पहले, एक चिकित्सक से सलाह लेना उचित है, सोरायसिस में केला खाना चाहिए या नहीं विशेषकर अगर आपकी स्थिति गंभीर है या यह लंबे समय से बनी हुई है।
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